यात्रा वृतांत
ये चार दिन की साउथ इंडिया की यात्रा कई मामलों में यादगार रही। चेन्नई मेरे लिए नया नहीं है। मै पहले भी यहाँ तीन बार आ चुका हूँ। ये विशाल शहर हमेशा लोगों को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है। वेल्लोर की भी मेरी ये तीसरी यात्रा थी। यहाँ स्थित मिशनरी अस्पताल पूरे देश में जाना जाता है लेकिन अब वेल्लोर टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ने इस छोटे से क़स्बा नुमा शहर को न केवल भारत वरन विश्व के नक्शे पर ला दिया है। यहाँ चौदह हजार से अधिक होनहार लड़के लड़कियां तकनीकी ज्ञान अर्जित कर रहें हैं। मिस्टर जी विश्वनाथ ने एक बहुत खूब सूरत कैम्पस बनाया है। यहाँ से पढ़ रहे युवाओं का प्लेसमेंट ९८ प्रतिशत है। साढे चार सौ स्टूडेंट तो यहाँ केवल चाइना से आए हैं। इसके बाद पंदुचेरी की यात्रा की। ये वेल्लोर और चेन्नई से लगभग समान दूरी पर है। पंदुचेरी निसंदेह बेहद खूबसूरत है। यहाँ का समुन्दर बीच बेहद खूबसूरत है। यहाँ का जन जीवन आज भी फ्रांसीसी संसकृति की झलक दिखलाता है। करीब तीन सौ साल तक पंदुचेरी पर फ्रांस का शासन रहा है। भारत को पूरी तरह इस पर कब्जा १९६३-६४ में हासिल हुआ। यहाँ का अरबिंदो आश्रम आज भी अध्यात्म और ध्यान का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। पंदुचेरी के चर्च और मन्दिर भी दर्शनीय हैं। यहाँ के पुराने भवन आज भी फ्रांसीसी वास्तु के दर्शन कराते हैं। पंदुचेरी का शांत वातावरण अपने आप में इसकी एक विशेषता है।
नॉर्थ से यहाँ आने वाले लोग जन जीवन ही नही सोचने समझने के तौर तरीकों में भी अन्तर महसूस करतें हैं। साउथ के इन शहरों में न उतना प्रदूषण है, न लडाई झगडे हैं और न ही चोरी-चकारी और टांग खिंचाई जितनी नॉर्थ में दिखाई देती है। शायद यही वजह है की जी विश्वनाथ प्राइवेट सेक्टर में विश्व स्तरीय कैम्पस खड़ा कर सके। तमिलनाडु में करूणानिधि और जे जयललिता की राजनीतिक जंग अपनी जगह है, लेकिन जब विकास की बात आती है तो ये लोग अड़ंगेबाजी नही करते। एक दूसरे की रह का रोडा नही बनकर खड़े होते। यहाँ के राजनीतक नेता भी कोई दूध के धुले हुए नहीं हैं। पैसा वे भी खाते हैं लेकिन काम भी कराते हैं। यहाँ बड़ी गनीमत है की अभी तक उत्तर प्रदेश और बिहार की तरह राजनीतिज्ञों ने अपराधियों और माफियाओं से हाथ मिलाना नही सीखा है। हालाँकि कुछ दूसरी खराबियां यहाँ भी आ गईं हैं। करूणा निधी की गिरफ्तारी के वक्त जिस अधिकारी को मुरासोली मारांन ने पीटा था, वो आजकल रामेश्वरम में तैनात है। उसे ख़राब पोस्टिंग दी गई है। इस सबके बावजूद साउथ की विशेषताएँ आकर्षित करती हैं। मुझे व्यक्तिगत तौर पर साउथ बेहद आकर्षित करता है। यहाँ समुन्दर किनारे बैठकर थोड़ा वक्त बिताना नही भूलने वाले पल होते हैं।
ओमकार चौधरी
6 comments:
yeah! its much better,
शानदार जगह की शानदार तस्वीरें।
yaatra ka khoobsurat wartant hai....
tasveere bhi achchi hai...
hme bhi aapne yaatra kra di...shukruya
शानदार संसमरण ..
आभार बांटने के लिए.
५ दिन की लास वेगस और ग्रेन्ड केनियन की यात्रा के बाद आज ब्लॉगजगत में लौटा हूँ. मन प्रफुल्लित है और आपको पढ़ना सुखद. कल से नियमिल लेखन पठन का प्रयास करुँगा. सादर अभिवादन.
respected sir
apki yatra padhkar kafi acha laga. vha ki har baat par gaur karna bhehad acha laga.
sadar abhivadan
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