Thursday, September 25, 2008

आजमगढ़ को बदनाम न करें

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शबाना आज़मी का एक बयान हिंदुस्तान समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है. उन्होंने मीडिया की भूमिका पर गहरे सवाल खडे किए हैं. यह एक बहस का मुद्दा है. उस बयान को यहाँ देकर में आपको मीडिया की भूमिका पर राय जाहिर करने के लिए आमंत्रित करता हूँ.

4 comments:

अनुनाद सिंह said...

चुप रहने से आजमगढ़ और बदनाम होगा। लीपापोती को धिक्कार है!

आतंकवादियों की 'बी' टीम काम करते हुए..

Gyan Darpan said...

ख़बर पुरी साफ दिखाई नही दे रही है इसलिए इस पर क्या राय दे | वेसे आतंक वादी कहीं भी पैदा हो सकते है यदि आजम गढ़ के है तो आजमगढ़ का क्या दोष पुरा शहर बदनाम नही होना चाहिए और ना ही पुरी कौम |

ओमकार चौधरी said...

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Anonymous said...

शबाना का दर्द समझा जा सकता है। उनकी बात जायज है कि अगर एक शहर या जिले में कुछ सिरफिरे आतंकवादी पैदा हों जाएं तो पूरा शहर आतंकवादियों का तो नहीं हो जाएगा। अगर हमारे राष्‍ट्र में कुछ लोग रास्‍ता भटक कर आतंकवादी हो गए हैं तो क्‍या आप इसे आतंकवादियों का मुल्‍क कहने लगेंगे।