Monday, June 1, 2009

नौजवानों ने बदली सदन की रंगत


लोकसभा का नजारा इस बार बहुत बदला-बदला नजर आ रहा है। 2004 में जब 14वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ था, अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर जैसे दिग्गज सदन की अग्रिम पंक्ति में विराजमान थे। सत्तापक्ष की तरफ तो अग्रिम पंक्ति का नजारा कमोबेश वैसा ही दिखा। प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के बराबर में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी विराजमान थे। फिर सोनिया गांधी, उनके बाद शरद पवार और पी चिदम्बरम बैठे थे। पिछले सदन में इस स्थान पर शिवराज पाटील हुआ करते थे। विपक्षी बैंचों पर बहुत कुछ बदल गया है। जसवंत सिंह, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ अग्रिम पंक्ति में विराजमान थे। ये सब पिछली लोकसभा के सदस्य नहीं थे। लालू यादव और मुलायम सिंह यादव निसंदेह अग्रिम पंक्ति में बैठे, लेकिन सत्तापक्ष और विपक्ष के ठीक बीचोंबीच वाली सीटों पर। यह सदन पिछले की तुलना में अधिक जवान है, लिहाजा बड़ी संख्या में नौजवानों की उपस्थिति ने लोकसभा की रंगत ही बदल दी है।
इस बार चालीस वर्ष के कम उम्र के सांसदों की संख्या अस्सी के करीब है। पिछले सदन में यह संख्या चालीस के आसपास थी। इस बार सर्वाधिक 59 महिला सांसद चुनकर लोकसभा पहुंची हैं। पिछले सदन में इनकी संख्या 49 थी। अध्यक्ष के आसन पर भी एक पढ़ी-लिखी योग्य महिला मीरा कुमार विराजमान होने जा रही हैं। सदन में महिलाओं की बढ़ी संख्या साफ नजर आ रही थी। सुषमा स्वराज ने तो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और पीए संगमा की बेटी अगाथा संगमा को गले लगाकर शाबाशी भी दी। हालांकि यह एक कटु सत्य भी है कि नौजवानों की जो नयी खेप लोकसभा पहुंची है, उनमें बड़ी संख्या एेसे सांसद है, जिनके बड़े पहले से ही बड़े पदों पर विराजमान रहे हैं। यानि वे खानदान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। भिवानी से चुनकर पहुंची बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी आगे से सातवीं पंक्ति में बैठीं तो राहुल गांधी उनसे भी पीछे वाली पंक्ति में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ बैठे कुछ विचार-विनिमय करते देखे गये। मथुरा से जीतकर आये जयंत चौधरी अपने पिता अजित सिंह के साथ छठीं पंक्ति में बैठे थे। कई नौजवान राज्यमंत्री बनाये गये हैं परन्तु इसके बावजूद उन्होंने आगे की पंक्ति में बैठने के बजाय पीछे ही बैठना पसंद किया। एेसे मंत्रियों में अगाथा संगमा, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल थे।
कुछ और नौजवान चेहरे पिछली पंक्तियों में ही बैठे दिखे। इनमें शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित, बठिंडा से चुनकर आईं प्रकाश सिंह बादल की पुत्र वधू हरसिमरत कौर, शशि थरूर, मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजहरूद्दीन, राजस्थान से चुनकर आईं ज्योति मिर्धा और महाराष्ट्र से चुनकर आईं सुप्रिया सुले शामिल थीं। हरसिमरत कौर तो सिर पर पल्लू रखे बैठी रहीं। आजम खां के पुरजोर विरोध के बावजूद रामपुर से जीती सपा सांसद और अभिनेत्री जयाप्रदा कुछ देर से पहुंची, लेकिन जल्दी लौट गयीं।
प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह सदन की कार्रवाई शुरू होने से दस मिनट पहले ही सदन में पहुंच गये थे। विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी उनसे पांच मिनट बाद पहुंचे जबकि सोनिया गांधी 11 बजे के करीब ही सदन में दाखिल हुईं। भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज ने सत्तापक्ष की बैंचों पर जाकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को जीत पर बधाई दी। कुछ देर से पहुंचे श्री आडवाणी ने भी इन दोनों नेताओं को बधाई दी। प्रणब मुखर्जी श्री आडवाणी से काफी गर्मजोशी से मिले जबकि प्रधानमंत्री ने केवल औपचारिकता निभाते हुए नमस्कार करते हुए हाथ जोड़ दिये। आडवाणी उनके पास ज्यादा वक्त तक रुके भी नहीं।
सदन में कुछ दिलचस्प नजारे देखने को मिले। पिछली बार लालूप्रसाद यादव रेलमंत्री की हैसियत से सत्तापक्ष की अग्रिम पंक्ति में विराजमान रहते थे। इस बार कांग्रेस ने उन्हें भाव नहीं दिये। वे और मुलायम सिंह यादव साथ-साथ बैठे नजर आए। कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाने वाले भजनलाल को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वाली दीर्घा में दूसरी पंक्ति में सीट आवंटित की गयी है। वे एक मार्शल के सहारे सदन में पहुंचे। अभिवादन के लिये सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की ओर देखा, लेकिन उन्होंने उनकी तरफ नजरें ही नहीं उठायीं। लालू यादव अभिवादन के लिये प्रधानमंत्री, सोनिया और प्रणब के पास पहुंचे। मनमोहन सिंह और सोनिया ने हाथ जोड़ दिये, तो वे प्रणब के कान में थोड़ी देर तक फुसफुसाते रहे। सोनिया मनमोहन को बधाई देने वालों में मुलायम भी थे।
संभवत: तीन जून को लोकसभा की अध्यक्ष चुनी जाने वाली मीरा कुमार दूसरी पंक्ति में केन्द्रीय मंत्री मुरली देवड़ा के साथ विराजमान थीं। कपिल सिब्बल सहित कई मंत्री और सांसद अभी से उन्हें बधाई देते दिखाई दिये। हरे रंग की साड़ी में प्रियंका गांधी अपने पति राबर्ट वढेरा के साथ खासतौर से दर्शक दीर्घा में मौजूद थीं। जैसे ही सोनिया गांधी ने सदन की सदस्यता की शपथ ली, उसके कुछ ही देर बाद वे वहां से चली गयीं। नए सांसद पीछे की सीटों पर बैठें, यह तो समझा जा सकता है लेकिन पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा, नवजोत सिंह सिद्धू, अजित सिंह जैसे चेहरे भी छठीं सातवीं पंक्ति में बैठे नजर आये, जबकि इतने सीनियर सांसदों के लिये अग्रिम पंक्तियों में सीटें आवंटित की जाती हैं।

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