Tuesday, March 3, 2020
क्या चिल्लम चिल्ली के बिना कोई चर्चा नहीं हो सकती न्यूज़ चैनलों पर
भारत के अधिकांश न्यूज़ चैनलों पर बुरा हाल है। चिल्लम चिल्ली ही ज्यादा है। गंभीर विचार विमर्श पूरी तरह गायब हो चुका है। किसी भी चैनल पर आप देखेंगे तो पाएंगे कि उत्तेजना पैदा करने वाले मुद्दों पर ही स्तरहीन बहस होती मिलेगी जिसका कोई कन्क्लूजन होता हुआ दिखाई नहीं देता। राजनीतिक दलों ने भी अब अपने ढंग के प्रवक्ताओं को भेजना बंद कर दिया है। इसकी एज बड़ी वजह यह भी है कि अधिकांश चैनलों पर राजनीतिक दलों और उनकी विचारधारा का ठप्पा लग गया है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
छब्बीस जुलाई को देश ने कारगिल जंग का दसवां विजय दिवस मनाया. 15 मई 1999 में शुरू हुई लड़ाई 26 जुलाई को खत्म हुई थी। इसमें भारत के 533 जवान शह...
-
इस बार का रक्षा बंधन हमारे परिवार के लिए अजीब सी खामोशी लेकर आया। सब चुप-चुप से थे। हमें पिछला रक्षाबंधन याद आ रहा था। पिछले साल जब मैं सोकर...
-
बड़ी दीवाली पर हर साल परिवार के साथ गाँव जाना होता है. इस बार भी गया. मेरा गाँव दबथुवा मेरठ जिले में सरधना मार्ग पर है. एक किसान परिवार में ...
No comments:
Post a Comment