Friday, February 20, 2009
टला नहीं अभी मुंबई जैसा खतरा
क्या देशवासियों को यह मान लेना चाहिए कि मुंबई जैसे आतंकवादी हमले आगे भी हो सकते हैं? पिछले दो दिनों में सत्ता प्रतिष्ठान की तरफ से दो एेसे बयान आए हैं, जिनसे इसके संकेत मिलते हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुरीश मेहता ने कहा कि आतंकी समुद्र के रास्ते परमाणु हथियार ला सकते हैं। इसके लिए वे माल ढोने वाले कंटेनरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। नौसेना प्रमुख की आशंका निर्मूल नहीं है। विश्व में पचहत्तर प्रतिशत माल की ढुलाई कंटेनरों से की जाती है। यह किसी से छिपा नहीं है कि बंदरगाहों पर सामान के लदान और उतारने के समय किस कदर लापरवाही की जाती है। अमेरिका ने कंटेनरों से ढुलाई किए जाने वाले माल की सौ प्रतिशत स्केनिंग सुनिश्चित की है। मेहता ने नई दिल्ली में एक सेमिनार में इस पर जोर दिया कि भारतीय बंदरगाहों पर तो सौ प्रतिशत स्केनिंग की ही जाए, जिस देश से माल का लदान हुआ है, वह इसकी गारंटी दे कि उसकी सौ प्रतिशत जांच कर ली गई है।
गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अब भारत मुंबई जैसे आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए पहले की तुलना में बेहतर ढंग से तैयार है। उनके अनुसार, अब अगर ऐसा कोई हमला होता है तो भारत उसका जवाब निर्णायक ढंग से दे सकेगा। तीन महीने पहले मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों के बाद गृहमंत्री बने पी चिदंबरम ने कहा कि भारत के लिए मुख्य आतंकवादी ख़तरा सीमा पार पाकिस्तान से है। चिदंबरम ने ठीक ही कहा कि धर्मनिरपेक्षता और अनेकता में एकता की भारत की जो भावना है, उसे नष्ट करने के लिए देश को अस्थिर करने का षडयंत्र रचा जा रहा है।
दक्षिण एशिया सहित विश्व में जिस तरह का वातावरण है, उसमें भारत सहित कोई भी सरकार यह दावा करने की स्थिति में नहीं है कि अब मुंबई जैसे हमले नहीं होंगे। हाल में अलकायदा ने यह कहते हुए धमकाने की कोशिश की थी कि यदि भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो वह मुंबई जैसे हमले झेलने को तैयार रहे। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी पता चल गया कि अलकायदा, तालिबान, वहां से संचालित अन्य आतंकवादी संगठनों, आईएसआई और पाकिस्तान सरकार में मिलीभगत है। गनीमत है, अब अमेरिका भी इस मिलीभगत और षड़यंत्र को गहरे तक समझ रहा है। सरकार को यह बात समझनी होगी कि भारत की रक्षा-सुरक्षा के लिए कोई और नहीं आएगा। हमें ही पूरी तरह सतर्क रहना होगा और इस तरह के षड़यंत्रों के मुहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी रखनी होगी।
ओमकार चौधरी
omkarchaudhary@gmail.com
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3 comments:
आप की बात सही है ......सरकार को यह बात समझनी होगी कि भारत की रक्षा-सुरक्षा के लिए कोई और नहीं आएगा। हमें ही पूरी तरह सतर्क रहना होगा और इस तरह के षड़यंत्रों के मुहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी रखनी होगी। मैं इससे पुरी traha से सहमत हूँ
सतर्कता सदा ही श्रेष्ठ रहती है
वैसे मुंहतोड़ जवाब देने के बाद
गर्दन ही मरोड़नी होगी
गर्दन मरोड़ने से पहले
मरोड़ सकते हैं बांहें भी
राहें तो बहुत हैं
पर हम नेक हैं
इसलिए धोखा खाते हैं
मिलीभगत और फर्जीवाड़ा
इसी का बज रहा है वहां नगाड़ा
कर देना चाहिए हमें करतूतियों का कबाड़ा
पर नेता सिर्फ गाल बजाते हैं
पब्लिक गाल सहलाती है
ताली तो बजती जाती है।
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